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पैरामेडीकल कालेज सफीदों से जींद चले जाने की बात हुई गोलमोल

सफीदों। सफीदों के गांव करसिंधू में बनने वाले पैरामैडीकल कालेज के जींद स्थानान्तरित होने जाने के मामले को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल गोलमाल कर गए। गौरतलब है कि मनोहर लाल सफीदों में पार्टी पदाधिकारियों से चुनावी फीड़बैक लेने पहुंचे थे। इस बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में पत्रकारों ने उनसे पैरामैडीकल कालेज का प्रश्र भी पूछ डाला। इस प्रश्र के जवाब में मनोहर लाल ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि सफीदों से पैरामैडीकल कालेज छीना नहीं गया है। कुछ चीजे ऐसी होती हैं टैक्रीकल होती है और उस समय उनकी जानकारी नहीं होती।

तकनीकि समस्या है कि पैरामैडीकल कालेज के साथ मेडीकल कालेज या बड़ा अस्पताल होना बेहद जरूरी होता है, जो यहां नहीं था। बेशक यह अभी वहां पर चला गया है लेकिन आगे चलकर यहां ज्यादा बैड का अस्पताल बनेगा उसके बाद पैरामेडीकल के अन्य कोर्स यहां पर लाए जाएंगे। पैरामेडीकल कालेज मेडीकल कालेज के 8-10 किलोमीटर के दायरे में ही खुलना होता है। अगर यहां पर पैरामेडीकल कालेज खुलता और उसमें पढ़ने वाले बच्चों को भी लाभ नहीं पहुंचना था क्योंकि उनको अस्पताल की सुविधा प्राप्त ना होती और उनकी पढ़ाई में भी अधूरापन रहता। सफीदों से जींद कोई दूर नहीं है। जिन बच्चों को पढ़ना होगा उनको वहां पर हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

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पूर्व मुख्ययमंत्री मनोहर लाल ने दिया मुकरने वाला ब्यान: राकेश जैन
आईपी सोसाईटी के सदस्य राकेश जैन का कहना है कि पूर्व मुख्ययमंत्री मनोहर लाल ने पैरामैडीकल कालेज मामले में एक प्रकार से मुकरने वाला ब्यान दिया है। इस पैरामेडीकल कालेज के इस प्रकार से ट्रांसफर हो जाना किसी भी प्रकार से जायज नहीं है और यह सफीदों क्षेत्र की जनता व यहां के विद्यार्थियों के लिए एक कुठाराघात के समान है। जबकि जींद के विधायक कृष्ण मिढ्ढा भरे मंच पर दावा ठोकते दिखाई दिए है कि कि वे इस पैरामैडीकल कालेज को सफीदों से छीनकर जींद लेकर आए हैं।

पैरामेडिकल कॉलेज के खोले जाने की खातिर उनकी संस्था द्वारा सरकार को डेड़ लाख रुपए की सरकारी रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर दो साल पहले ही जमा कराई जा चुकी थी और ग्राम पंचायत करसिंधू 4 एकड़ जमीन सरकार को ट्रांसफर कर चुकी थी। इस कॉलेज के निर्माण में इसी संस्था के प्रमुख सदस्य टीसी गर्ग के अनुरोध पर ही तात्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस कॉलेज को बनाए जाने की घोषणा की थी। मनोहर लाल ने घोषणा करते वक्त यह भी कहा था कि अगर कालेज निर्माण में कोई दिक्कत आती है तो उसे भी दूर किया जाएगा लेकिन आज वे इस मसले पर मुकरते दिखाई पड़ रहे हैं। अगर यह कालेज यहां पर बनता तो सफीदों की प्रदेश में एक अलग पहचान बनती तथा सैकड़ो छात्रों को चिकित्सा संबंधी रोजगारयुक्त शिक्षा तो मिलती और साथ ही साथ सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता।

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